छत्रपति शिवजी महाराज के 392 वें जन्मदिवस के सुअवसर पर शत-शत नमन

छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630  ई., शिवनेरी दुर्ग में आज से 392 वर्ष पूर्व हुआ। वे भारत के एक महान शासक एवं चतुर रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में 'मराठा साम्राज्य' की नींव रखी, तथा मुगल साम्राज्य के सबसे ज़ालिम व निर्दयी सुल्तान औरंगज़ेब आलमगीर से लोहा लिया।

अनुशासित व सुसंगठित सेना के दम पर प्रशासनिक इकाइयों का सूझबूझ से परिचय देते हुए शिवाजी महाराज ने स्वयं को एक योग्य तथा प्रगतिशील प्रशासक के रूप में सिद्ध किया। उन्हें ही समर-विद्या में अनेक नवाचार करने का श्रेय जाता है, जिसके तहत छापामार युद्ध की पद्धति अपनाते हुए अनेक शक्तिशाली शत्रुओं को धराशाही किया।

सन् 1674 ई. में रायगढ़ के किले में शिवाजी का जब राज्याभिषेक हुआ तो पूरे मराठवाड़ा में जश्न का माहौल था। इससे भविष्य में मजबूत हिन्दू सम्राज्य की नीव की नवकिरण स्फुटित हुई।  वह "छत्रपति" कहलाये। राज्याभिषेक के उपरान्त तत्काल प्रभाव से उन्होंने अपने मंत्री श्री रामचन्द्र अमात्य जी को शासकीय उपयोग में आने वाले फ़ारसी शब्दों के स्थान पर उसके लिए उपयुक्त संस्कृत शब्दावली के निर्माण का कार्यभार सौंपा। जिसे रामचन्द्र अमात्य जी ने विद्वान धुन्धिराज जी की सहायता से 'राज्यव्यवहार कोश' ग्रन्थ का सृजन किया। यह कोश विश्व का पहला कोश बना जिसमें फ़ारसी भाषा के 1380 प्रशासनिक शब्दों के समतुल्य संस्कृत भाषा के शब्द हैं। अतः कोश के विषय में स्वयं श्री रामचन्द्र अमात्य जी ने लिखा है:—

    कृते म्लेच्छोच्छेदे भुवि निरवशेषं रविकुला-
    वतंसेनात्यर्थं यवनवचनैर्लुप्तसरणीम्।
    नृपव्याहारार्थं स तु विबुधभाषां वितनितुम्।
    नियुक्तोऽभूद्विद्वान्नृपवर शिवच्छत्रपतिना ॥८१॥


अतः हम निर्विवाद रूप से छत्रपति शिवजी महाराज को मुग़लकाल का सर्वश्रेठ हिन्दू शासक मानते हैं। जिन्होंने प्राचीन हिन्दू धर्म की समस्त मान्यताओं के आधार पर राजनीतिक प्रथाओं व दरबारी शिष्टाचारों की पुनः प्राणप्रतिष्ठा की। उन्होंने अपनी मातृभाषा मराठी तथा प्राचीनकाल से भारतवर्ष में बोली जाने वाली देववाणी संस्कृत भाषा को अपने राजकाज की भाषा के रूप में मान्यता दी। जिस कारण आज भी समस्त राष्टवादियों व हिंदूवादियों के वो कुशल नायक हैं। अतः छत्रपति शिवजी महाराज के 392 वें जन्मदिवस के सुअवसर पर उत्तरांचली साहित्य संस्थान की ओर से शत-शत नमन करता हूँ।
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1 Comments

Punam verma

22-Feb-2022 06:29 PM

Very nice

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